Search

Shopping cart

Saved articles

You have not yet added any article to your bookmarks!

Browse articles
Newsletter image

Subscribe to the Newsletter

Join 10k+ people to get notified about new posts, news and tips.

Do not worry we don't spam!

GDPR Compliance

We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policy, and Terms of Service.

कृति सेनन ने राजनीति के सवाल पर तोड़ी चुप्पी

मुंबई

हाल ही में कंगना रनोट को मंडी सीट से बीजेपी का टिकट मिला है। गोविंदा भी शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हुए हैं। ऐसे में कृति ने भी एक इंटरव्यू के दौरान राजनीति में आने के बारे में अपने थॉट शेयर किए। जब कृति से सवाल पूछा गया कि क्या वे कभी राजनीति में आना चाहेंगी? इस पर कृति ने कहा- मैंने कभी इसके बारे में सोचा नहीं है।

सच कहूं तो मैं इस तरह से नहीं सोचती कि मुझे ये करना है या वो करना है। मैं कोई भी काम तभी करती हूं, जब मेरे अंदर से उसके लिए आवाज निकले। या अगर मेरे अंदर किसी चीज को लेकर बहुत पैशन हो। अगर कभी मेरे दिल में आएगा कि मुझे राजनीति में आना है, तब मैं शायद आ सकती हूं। जाहिर सी बात है कृति ने साफ कर दिया कि फिलहाल उनका राजनीति में आने का कोई प्लान नहीं है, लेकिन फ्यूचर में मन करेगा तो जरूर आएंगी। कृति हाल ही में ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में नजर आई थीं। इस फिल्म में उनके साथ शाहिद कपूर, डिंपल कपाड़िया और धर्मेंद्र भी थे। कृति की 2-3 फिल्में इस साल रिलीज होंगी। उनमें से एक ‘दो पत्ती’ भी है। फिल्म में उनके साथ काजोल भी अहम किरदार में नजर आएंगी। इस मिस्टरी-थ्रिलर फिल्म के डायरेक्टर शशांक चतुवेर्दी हैं। कृति ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने शुरूआती दिनों को याद किया था। उन्होंने कहा- मैं अपने पहले फोटोशूट के दौरान बहुत नर्वस हो गई थी। बाद में शूट थोड़ा खराब हो गया। मैं रोते हुए घर आई थी, क्योंकि इस बात ने मुझे बहुत परेशान कर दिया था कि मैं अच्छा नहीं कर सकी। हालांकि, समय के साथ लोगों में कॉन्फिडेंस आता है।

मेरा मानना है कि आप अपनी सफलताओं से ज्यादा अपनी असफलताओं से सीखते हैं। मेरा मंत्र है कि मैं अपनी गलतियों से सीखूं और आगे बढ़ूं। कृति ने इंटरव्यू में कहा था- मेरी मां एक प्रोफेसर हैं और वो अपने परिवार में काम करने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने अपनी ढऌऊ उस दौरान पूरी की, जब वो मुझे जन्म देने वाली थीं। घर में बड़े होने के नाते, कभी कभी आपको उदाहरण बनने के लिए जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं। इसलिए मैंने हमेशा यह महसूस किया है कि मैं जो भी करती हूं, उसमें बेहतर करने की कोशिश करती हूं। मुझे लगता है कि जन्म से ही यह स्वभाव मेरे अंदर है। जब भी कुछ अच्छा नहीं हो पाता मुझे चिड़चिड़ाहट होती है।

Leave a Comment: