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संजय सिंह ने ओबीसी आरक्षण बिल का जिक्र कर एक बार फिर भाजपा को दलित विरोधी बताकर हमला बोला

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ओबीसी आरक्षण बिल का जिक्र कर एक बार फिर भाजपा को दलित, गरीब, मुसलमान और आदिवासी विरोधी बताकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के आधार पर ओबीसी के लिए आरक्षण होना चाहिए।

संजय सिंह ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "बीजेपी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, मुस्लिमों, ईसाइयों, सिखों के विरोधी है। अगर यह ओबीसी आरक्षण बिल आया है और बीजेपी की मंशा साफ है तो उन्हें ये बिल पास करना चाहिए। यह बिल देश के पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में है और हम इस बिल का एक बार नहीं बल्कि 1000 बार समर्थन करेंगे…मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि अगर आपकी पार्टी और आपकी नीयत साफ है तो इससे अच्छा कोई और बिल नहीं आ सकता है, इस बिल को आप पास करें, जनसंख्या के आधार पर ओबीसी के लिए आरक्षण होना चाहिए…इस बिल का विरोध करके बीजेपी ने अपना असली चेहरा पूरे देश के सामने उजागर कर दिया है।''

संजय सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ओबीसी आरक्षण को लेकर एक प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आते हैं। इस बिल में वो मांग करते हैं कि ओबीसी का आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात में दिया जाए। इस बिल के आते ही भाजपा सांसद बौखला जाते हैं और संसद में मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में बदसलूकी और दादागिरी शुरू कर देते हैं। यह भाजपा की दलित और पिछड़ा विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि वहीं, जब कांग्रेस पार्टी के सांसद नीरज डांगी ने ओबीसी आरक्षण और जातीय जनगणना पर बोलना शुरू किया, तब भाजपा के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। उस समय चेयर पर बैठी हुई मैडम उग्र हो चुके भाजपा सांसदों को लगातार रोकती रहीं, लेकिन भाजपा वाले नहीं माने और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सदन में गलत बयानबाजी की। उन्होंने झूठ बोलते हुए कहा कि संसद में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करना शुरू किया, जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस पार्टी के सांसद के प्राइवेट बिल पर बोलना शुरू करते ही भाजपा के सांसद हंगामा करना शुरू कर देते हैं। इसके साथ ही भाजपा के सांसद मुझे धमकाने लगे कि इन्हें जेल भेजना है। मैं भाजपा वालों से कहूंगा कि मैं आपकी जेल और लाठी से डरने वाला नहीं हूं। जहां पर दलित, पिछड़े और आदिवासियों की बात होगी, 'आप' उनके लिए आवाज उठाएगी। हम किसी से डरने वाले नहीं हैं।

'आप' सांसद ने भाजपा दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, नौजवानों और महिलाओं की विरोधी है। ये लोग किसी के सगे नहीं हैं। अगर बीजेपी की नीयत साफ है तो इस ओबीसी आरक्षण बिल को पास कराएं। इसके लिए आप हमें जेल भेजना चाहते हैं तो भेज दीजिए। यह बिल देश के पिछड़े समाज के हित में है। इससे अच्छा बिल नहीं आ सकता है और भाजपा ने इसका विरोध करके अपना असली चेहरा दिखा दिया है। भाजपा वाले कान खोलकर सुन लें कि अगर आप लोग विपक्ष के किसी भी सांसद को बोलने से रोकोगे तो आपके खिलाफ मैं बोलूंगा।

'आप' सांसद ने आंकड़े जारी कर कहा कि हाईकोर्ट में जाति के हिसाब से 661 जजों में 21 अनुसूचित जाति, 12 अनुसूचित जनजाति, 78 ओबीसी समाज के जज हैं। वहीं सामान्य वर्ग के कुल 550 जज हैं। वहीं जब मैंने न्याय व्यवस्था में आरक्षण की व्यवस्था को लेकर सवाल पूछा, तो सरकार ने इससे साफ इनकार कर दिया। साल 2020 तक केंद्रीय विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति समाज के स्वीकृत पद 297 हैं और मात्र 51 लोग ही काम कर रहे हैं और 246 पद खाली पड़े हैं।

वहीं, अनुसूचित जनजाति समाज के स्वीकृत पद 133, कार्यरत लोग मात्र 8 और ख़ाली पड़े पद 125 हैं। इसके साथ ही ओबीसी समाज के स्वीकृत पद 269, मौजूदा कार्यरत मात्र 9 और 260 पद खाली पड़े हैं। इसलिए ही भाजपा वाले इस ओबीसी आरक्षण बिल का विरोध कर रहे हैं। यही भाजपा का असली चेहरा है। ओबीसी समाज को जनसंख्या के आधार पर मिलने वाले आरक्षण के बिल का विरोध करके भारतीय जानता पार्टी पूरे देश के सामने बेनकाब हो गई है।