Shopping cart
Your cart empty!
Terms of use dolor sit amet consectetur, adipisicing elit. Recusandae provident ullam aperiam quo ad non corrupti sit vel quam repellat ipsa quod sed, repellendus adipisci, ducimus ea modi odio assumenda.
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipisicing elit. Sequi, cum esse possimus officiis amet ea voluptatibus libero! Dolorum assumenda esse, deserunt ipsum ad iusto! Praesentium error nobis tenetur at, quis nostrum facere excepturi architecto totam.
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipisicing elit. Inventore, soluta alias eaque modi ipsum sint iusto fugiat vero velit rerum.
Sequi, cum esse possimus officiis amet ea voluptatibus libero! Dolorum assumenda esse, deserunt ipsum ad iusto! Praesentium error nobis tenetur at, quis nostrum facere excepturi architecto totam.
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipisicing elit. Inventore, soluta alias eaque modi ipsum sint iusto fugiat vero velit rerum.
Dolor sit amet consectetur adipisicing elit. Sequi, cum esse possimus officiis amet ea voluptatibus libero! Dolorum assumenda esse, deserunt ipsum ad iusto! Praesentium error nobis tenetur at, quis nostrum facere excepturi architecto totam.
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipisicing elit. Inventore, soluta alias eaque modi ipsum sint iusto fugiat vero velit rerum.
Sit amet consectetur adipisicing elit. Sequi, cum esse possimus officiis amet ea voluptatibus libero! Dolorum assumenda esse, deserunt ipsum ad iusto! Praesentium error nobis tenetur at, quis nostrum facere excepturi architecto totam.
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipisicing elit. Inventore, soluta alias eaque modi ipsum sint iusto fugiat vero velit rerum.
Do you agree to our terms? Sign up
चंडीगढ़
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पुराने नतीजों को खारिज करते हुए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि चंडीगढ़ महापौर चुनाव में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह द्वारा ‘चिह्नित' किए गए सभी आठ मतपत्र आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में हैं।
शीर्ष अदालत ने सोमवार को इस मामले में पंजाब सरकार की उस याचिका को भी अनुमति देने का संकेत दिया, जिसमें बदली हुई परिस्थितियों के मद्देनजर नए सिरे से मतदान के बजाय मतों की दोबारा गिनती की अनुमति देने की गुहार लगाई गई थी। पीठ ने गत 30 जनवरी को हुई मतों की गिनती के दौरान चुनाव अधिकारी द्वारा मतपत्रों पर निशान लगाने के मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि चुनावी लोकतंत्र में हस्तक्षेप करना सबसे गंभीर बात है और इसके लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने इस बीच आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का मामला सामने आने के बाद इस कथित‘खरीद-फरोख्त'पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था,‘‘हम जानते हैं कि क्या हो रहा है। हम खरीद-फरोख्त को लेकर बेहद चिंतित हैं। जो हो रही है, वह बहुत परेशान करने वाली बात है।‘‘ सुनवाई के दौरान पीठ ने चुनाव अधिकारी मसीह से भी पूछा कि उन्होंने मतपत्रों को विकृत क्यों किया।
शीर्ष अदालत ने चुनाव अधिकारी से कहा, 'वीडियो से यह पूरी तरह स्पष्ट है कि आप कुछ मतपत्रों को देखते हैं। ऊपर या नीचे क्रॉस का निशान लगाते हैं।' पीठ ने उनसे पूछा, 'आपने मतपत्र पर क्रॉस का निशान लगाया है। यह बहुत स्पष्ट है कि आप कुछ मतपत्रों पर क्रॉस का निशान लगा रहे हैं। आपने कुछ मतपत्रों पर क्रॉस का निशान लगाया है या नहीं।' इस पर अधिकारी ने कहा, 'आम आदमी पार्टी पार्षद इतना शोर मचा रहे थे- कैमरा! कैमरा! कैमरा! इसलिए मैं उधर देख रहा हूं कि वे किस कैमरे की बात कर रहे हैं। मतदान के बाद मुझे मतपत्रों पर संकेत लगाना पड़ा।'
चुनाव अधिकारी ने आगे कहा, 'जो मतपत्र विरूपित ( निशान) थे, मैं सिफर् इस बात पर प्रकाश डाल रहा था कि इसे दोबारा नहीं मिलाया जाना चाहिए। यही एकमात्र कारण था।'' पीठ ने कहा, 'जैसा कि अधिकारी ने स्वीकार किया कि उसने मतपत्रों को विरूपित कर निशान लगाया। उनका जवाब बहुत स्पष्ट है। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। एक पीठासीन चुनाव अधिकारी द्वारा चुनावी लोकतंत्र में हस्तक्षेप करना सबसे गंभीर बात है।'
गौरतलब है कि चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मनोज सोनकर को कुलदीप कुमार को मिले 12 मतों के मुकाबले 16 मतों हासिल करने के बाद महापौर पद पर निर्वाचित घोषित किया गया था। मतों की गिनती के दौरान चुनाव अधिकारी ने आप-कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार को मिले आठ मतों को अवैध करार देते हुए खारिज कर दिया था।