Search

Shopping cart

Saved articles

You have not yet added any article to your bookmarks!

Browse articles
Newsletter image

Subscribe to the Newsletter

Join 10k+ people to get notified about new posts, news and tips.

Do not worry we don't spam!

GDPR Compliance

We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policy, and Terms of Service.

अब यूपी में भी INDIA अलायंस बिखरता दिख रहा, सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत को खत्म कर दिया

नई दिल्ली
पंजाब और बंगाल जैसे राज्यों में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर गठबंधन न होने के बाद अब यूपी में भी INDIA अलायंस बिखरता दिख रहा है। यूपी की सबसे बड़े विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत को खत्म कर दिया है। अखिलेश यादव ने सोमवार को ही कांग्रेस को आखिरी ऑफर देते हुए 17 सीटें देने की बात कही थी। इन सीटों में मुरादाबाद और संभल शामिल नहीं थे, जिन पर कांग्रेस दावेदारी कर रही थी। कांग्रेस ने जब इस लिस्ट पर सहमति नहीं जताई तो फिर अखिलेश यादव ने भी सख्त रुख अपना लिया। अब दोनों दल लोकसभा चुनाव में अकेले ही उतरेंगे।

इस बीच अखिलेश यादव ने फैसला लिया है कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल नहीं होंगे। उन्हें आज रायबरेली में राहुल गांधी की जनसभा में जाना था, लेकिन सीटों पर फैसला न होने के बाद उन्होंने इरादा बदल लिया है। अब वे सपाई भी राहुल गांधी की यात्रा से लौटने लगे हैं, जो बात बनने की उम्मीद में वहां पहुंचे थे। हालांकि अखिलेश यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि यात्रा में वह तभी जाएंगे, जब दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर समझौता हो जाए।

सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव की ओर से 17 सीटों का ऑफर मिला था, लेकिन कांग्रेस की मांग थी कि इनमें मुरादाबाद और संभल को भी शामिल किया जाए। कांग्रेस को सीटों की संख्या से इतनी परेशानी नहीं थी, लेकिन कुछ खास सीटों को इन 17 में शामिल करने की मांग थी। कांग्रेस को लगता है कि मुस्लिम बहुल सीटों पर वह जीत हासिल कर सकती है। ऐसे में इन सीटों पर उसे ही मौका मिलना चाहिए।

मुरादाबाद की सीट पर फंस गया पेच, पर अखिलेश क्या चाहते हैं?
इनमें सबसे अहम सीट मुरादाबाद की है, जिस पर कांग्रेस दावेदारी कर रही है। वहीं अखिलेश यादव यह सीट कांग्रेस को नहीं देना चाहते। दरअसल मुस्लिम वोट बैंक को लेकर सपा की राय है कि कांग्रेस को वह तभी मिल सकता है, जब सपा कमजोर हो। लेकिन दूसरे समुदायों का वोट मिलना कांग्रेस के लिए मुश्किल है। सपा रणनीतिकारों की राय है कि मुस्लिम और ओबीसी का गठजोड़ उसे फायद देता है।

 

Leave a Comment:
Sponsore
}*/ ?>