Search

Shopping cart

Saved articles

You have not yet added any article to your bookmarks!

Browse articles
Newsletter image

Subscribe to the Newsletter

Join 10k+ people to get notified about new posts, news and tips.

Do not worry we don't spam!

GDPR Compliance

We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policy, and Terms of Service.

23 या 24 फरवरी माघ पूर्णिमा कब ? जानें सही डेट, मुहूर्त

माघ मास की पूर्णिमा तिथि माघ मास में पड़ती है। अध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान, दान,, जप और व्रत करने से विशेष फल मिलता है। माघ पूर्णिमा माघ मास का अंतिम दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन, माघ पूर्णिमा की तारीख को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है कि 23 या 24 फरवरी कब रखा जाएगा माघ पूर्णिमा का व्रत। आइए जानते हैं 23 या 24 फरवरी कब रखा जाएगा।

माघ पूर्णिमा मुहूर्त और तारीख
माघ पूर्णिमा तिथि का आरंभ माघ पूर्णिमा का आरंभ 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 34 मिनट पर होगा और अगले दिन 24 फरवरी को शाम 6 बजे तक रहेगी।

लेकिन, पूर्णिमा तिथि का व्रत और सत्यनारायण व्रत 23 को किया जाएगा क्योंकि इस दिन रात्रि में पूर्णिमा तिथि रहेगी और पूर्णिमा तिथि में ही चंद्रमा की पूजा करने का विशेष महत्व है। माघ पूर्णिमा 23 फरवरी के दिन रवि योग रहने वाला है।

माघ पूर्णिमा स्नान दान का मुहूर्त
24 फरवरी को को रात में पूर्णिमा तिथि नहीं रहेगी इसलिए पूर्णिमा का व्रत इस दिन नहीं किया जाएगा। जबकि इस दिन पूर्णिमा का स्नान दान आदि धार्मिक कार्य किए जाएंगे। क्योंकि, उदया तिथि में पूर्णिमा तिथि 24 फरवरी को रहेगी और स्नान दान के लिए पूर्णिमा तिथि का उदया तिथि में होना जरूरी है।

माघ पूर्णिमा पूजा मुहूर्त24 तारीख में माघ पूर्णिमा के स्नान औरचल चौघड़िया शाम में 4 बजकर 51 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक।शुभ चौघड़िया दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से 2 बजे तक।24 फरवरी को शुभ चौघड़िया सुबह 8 बजकर 17 मिनट से 9 बजकर 43 मिनट तक।लाभ चौघड़िया 2 बजे से 3 बजकर 26 मिनट तक।

माघ पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

    माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जाप किए जाते हैं, इस दिन भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए.

    माघ पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए.

    स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.

    स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए.

    मध्याह्न काल में गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए.

    दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए.

    माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए.

माघ मेला और कल्पवास

तीर्थराज प्रयाग (इलाहाबाद) में हर साल माघ मेला लगता है, जिसे कल्पवास कहा जाता है, इसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं. प्रयाग में कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है. कल्पवास का समापन माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ होता है. माघ मास में कल्पवास की बड़ी महिमा है, इस माह तीर्थराज प्रयाग में संगम के तट पर निवास को कल्पवास कहते हैं. संगम के तट पर निवास कर वेदों का अध्ययन और ध्यान करना.

माघ पूर्णिमा का महत्व

मघा नक्षत्र के नाम से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति होती है. माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं, इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यदि माघ पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है.

Leave a Comment:

23 या 24 फरवरी माघ पूर्णिमा कब ? जानें सही डेट, मुहूर्त

माघ मास की पूर्णिमा तिथि माघ मास में पड़ती है। अध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान, दान,, जप और व्रत करने से विशेष फल मिलता है। माघ पूर्णिमा माघ मास का अंतिम दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन, माघ पूर्णिमा की तारीख को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है कि 23 या 24 फरवरी कब रखा जाएगा माघ पूर्णिमा का व्रत। आइए जानते हैं 23 या 24 फरवरी कब रखा जाएगा।

माघ पूर्णिमा मुहूर्त और तारीख
माघ पूर्णिमा तिथि का आरंभ माघ पूर्णिमा का आरंभ 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 34 मिनट पर होगा और अगले दिन 24 फरवरी को शाम 6 बजे तक रहेगी।

लेकिन, पूर्णिमा तिथि का व्रत और सत्यनारायण व्रत 23 को किया जाएगा क्योंकि इस दिन रात्रि में पूर्णिमा तिथि रहेगी और पूर्णिमा तिथि में ही चंद्रमा की पूजा करने का विशेष महत्व है। माघ पूर्णिमा 23 फरवरी के दिन रवि योग रहने वाला है।

माघ पूर्णिमा स्नान दान का मुहूर्त
24 फरवरी को को रात में पूर्णिमा तिथि नहीं रहेगी इसलिए पूर्णिमा का व्रत इस दिन नहीं किया जाएगा। जबकि इस दिन पूर्णिमा का स्नान दान आदि धार्मिक कार्य किए जाएंगे। क्योंकि, उदया तिथि में पूर्णिमा तिथि 24 फरवरी को रहेगी और स्नान दान के लिए पूर्णिमा तिथि का उदया तिथि में होना जरूरी है।

माघ पूर्णिमा पूजा मुहूर्त24 तारीख में माघ पूर्णिमा के स्नान औरचल चौघड़िया शाम में 4 बजकर 51 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक।शुभ चौघड़िया दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से 2 बजे तक।24 फरवरी को शुभ चौघड़िया सुबह 8 बजकर 17 मिनट से 9 बजकर 43 मिनट तक।लाभ चौघड़िया 2 बजे से 3 बजकर 26 मिनट तक।

माघ पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

    माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जाप किए जाते हैं, इस दिन भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए.

    माघ पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए.

    स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.

    स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए.

    मध्याह्न काल में गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए.

    दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए.

    माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए.

माघ मेला और कल्पवास

तीर्थराज प्रयाग (इलाहाबाद) में हर साल माघ मेला लगता है, जिसे कल्पवास कहा जाता है, इसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं. प्रयाग में कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है. कल्पवास का समापन माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ होता है. माघ मास में कल्पवास की बड़ी महिमा है, इस माह तीर्थराज प्रयाग में संगम के तट पर निवास को कल्पवास कहते हैं. संगम के तट पर निवास कर वेदों का अध्ययन और ध्यान करना.

माघ पूर्णिमा का महत्व

मघा नक्षत्र के नाम से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति होती है. माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं, इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यदि माघ पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है.

Leave a Comment:
Sponsore
}*/ ?>